रविवार, 28 मार्च 2010

बालिका वधु

बालिका वधु में नया किरदार
दर्शकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि टीपरी का किरदार बालिका वधु में क्यों लाया गया है? यह किरदार बालिका वधु की कहानी को कौन सा मोड़ देगा? इसका जवाब सिर्फ बालिका वधु सीरियल के लेखक पुर्णेन्दु शेखर के पास है। पुर्णेन्दु शेखर बताते हैं, बालिका वधु के हर किरदार की अपनी एक कहानी है और उनकी कहानियों को हम बता चुके हैं। सिर्फ आनंदी के सास-ससुर भैरों और सुमित्रा का अतीत शेष है। भैरों और सुमित्रा को अच्छे दंपति, स्नेही मां-बाप और अच्छे सास-ससुर के रूप में दर्शकों ने देखा है। अब तक उनके अपने रिश्ते में कोई ड्रैमेटिक एलीमेंट नहीं आया। टीपरी का किरदार उनके रिश्ते में वह चीज लाएगा।
टीपरी बताएगी कि परिवार को एकजुट करने में बहू कितनी बड़ी भूमिका निभाती है। इसके साथ ही टीपरी का किरदार सुमित्रा और आनंदी के रिश्तों को और मजबूत करेगा। पुर्णेन्दु शेखर कहते हैं, टीपरी साइकलोजिकली नाजुक किरदार है। मां सा के परिवार से उसका पुराना नाता है। वह बचपन में मां सा, भैरों और बसंत के साथ खेली है। उसका वह जुड़ाव अब तक छूटा नहीं है। पुर्णेन्दु कहते हैं कि टीपरी अपने आप में पॉजिटिव है, लेकिन दर्शकों की नजर में वह ग्रे हो सकती है। टीपरी का किरदार बालिका वधु में लंबे समय तक रहेगा।
साक्षी तंवर टीपरी के किरदार को अपने लिए चैलेंजिंग मानती हैं। साक्षी कहती हैं, मैं नर्वस हूं। मैं किरदार का सुर पकड़ने की कोशिश कर रही हूं। मुझे विश्वास है कि मैं दर्शकों को निराश नहीं करूंगी।

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