शुक्रवार, 28 मई 2010

बनी रहे यह सुंदर जोड़ी

जीवन की बगिया महकती रहे
आज के इस दौर में जहाँ पति-पत्नी दोनों कामकाजी हैं, वहाँ मकान को घर बनाने में दोनों का ही अहम योगदान होता है। घर के कामकाज हों या बच्चों की जरूरतें, शॉपिंग हो या रिश्तेदारी निभाना अब पति-पत्नी दोनों की रिस्पॉन्सिबिलिटी है। सच तो यह है ‍कि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में यदि आपस में प्रेम, समझदारी, विश्वास न हो तो रोज की मुश्किलों से लड़ना इम्पॉसिबल है। इसलिए हम बता रहे हैं कुछ ऐसे टिप्स जिससे आपके दांपत्य जीवन की बगिया महक उठेगी।

दोषारोपण न करें : कुछ गलतफहमी होने पर एक-दूसरे पर ब्लेम न लगाएँ। स्पष्ट रूप से मामले पर पु‍नर्विचार करें। एक-दूसरे पर हावी न हों बल्कि भावनाओं को समझने का पूरा प्रयास करें। अपने साथी को मानसिक चोट कभी न पहुँचाएँ। दोनों तरफ के परिवारों को बराबर सम्मान दें। माता-पिता, भाई-बहन तो एक सा रिश्ता लिए हुए हैं, इसलिए सम्मान में असमानता क्यों?
झगड़ों से बचें : छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज करें। यदि पति को किसी समय अधिक क्रोध आ रहा है तो बहस न करें। शांत होने पर मामले पर विचार करें। पत्नी के क्रोधित होने पर पति का शांत रहना परिवार के हित में है। एक दूसरे से, परिवार वालों से, सगे संबंधी और मित्रों के साथ मीठा बोलें। कटु वाणी से संबंध खराब होते हैं।

अपेक्षाएँ कम करें - एक दूसरे से कम अपेक्षाएँ रखें। जहाँ अधिक अपेक्षाएँ होती हैं, वहाँ इंसान अपेक्षा पूरी न होने पर खीजता रहता है, जिससे परिवार का वातावरण खराब होता है। समय की माँग के अनुसार पति या पत्नी को अपनी सोच के दायरे को भी बदलना पड़ता है। प‍ारिवारिक, आंतरिक और बाह्य जिम्मेदारियों को मिल बाँटकर निभाएँ, क्योंकि एक पार्टनर सभी जिम्मेदारियों के बोझ को नहीं ढो सकता।
मित्रवत व्यवहार : एक-दूसरे के प्रति दोस्ताना व्यवहार अपनाएँ। एक दूसरे की शारीरिक इच्छाओं के सम्मान के साथ ही अन्य जरूरतों का ध्यान रखेंगे तो भटकाव की स्थिति नहीं आएगी। हर समय 'तुमने यह ठीक नहीं किया', 'तुम यहाँ पर नहीं जाओगे', या 'इतने बजे तक तुम्हें घर पहुँचना ही है।' आदि बेमलतब के अंकुश एक दूसरे पर न लगाएँ।
घर का वातावरण तरोताजा रखने का प्रयास करें। एक-दूसरे की इच्छाओं पर ध्यान दें। बीच-बीच में पति को चाहिए कि बच्चों की सहायता से पत्नी को आराम दें और शॉपिंग पर भेजें। हमेशा एक-दूसरे का महत्व महसूस कराते रहें।
सगे संबंधी या मित्रों की बातों में आकर मन विचलित न करें। ‍यदि किसी एक पार्टनर में कुछ कमी है तो मिलकर उसका सोल्यूशन निकालें और लोगों की बातों को अधिक इम्पोर्टेंस न देकर अपनी परिस्थितियों को समझने का प्रयास करें।

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