बुधवार, 26 मई 2010

कैरियर

जर्नलिज्म बेस्ट करियर

इन दिनों ज्यादातर युवाओं के लिए मीडिया आकर्षक करियर बनता जा रहा है। यदि लिखने-पढने के शौकीन हैं और आपकी कम्युनिकेशन स्किल बढिया है, तो मीडिया आपके लिए बेस्ट करियर साबित हो सकता है। दरअसल, आज मीडिया का काफी विस्तार हो चुका है। न केवल अखबार, टीवी और रेडियो, बल्कि इंटरनेट, मैग्जींस, फिल्म भी इसके विस्तारित क्षेत्र हैं। करेंट इवेंट्स, ट्रेंड्स संबंधित इन्फॉर्मेशन कलेक्ट करना, एनालाइज करना आदि जर्नलिस्ट के मुख्य काम हैं।

इंस्टीट्यूट्स

जेआईएमएमसी

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन, नई दिल्ली (एमसीआरसी)

मास कम्यूनिकेशन रिसर्च सेंटर, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली

एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म, चेन्नई

ज्यादातर इंस्टीट्यूट्स एंट्रेंस एग्जाम आयोजित करते हैं। इसमें रिटेन टेस्ट, इंटरव्यू और ग्रुप डिस्कशन भी होता है। लिखित परीक्षा में स्टूडेंट्स के राइटिंग स्किल्स, जेनरल अवेयरनेस, एनालिटिकल एबिलिटी और एप्टीट्यूड की जांच की जाती है। एमसीआरसी के ऑफिशिएटिंग डायरेक्टर ओबेद सिद्दीकी के अनुसार, एंट्रेंस एग्जाम के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं करनी होती है। टेस्ट के माध्यम से एप्लीकैंट के सोशल, कल्चरल और पॉलिटिकल इश्यू संबंधित ज्ञान को परखा जाता है। करेंट अफेयर्स की जानकारीएशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म के प्रोफेसर संपत कुमार कहते हैं कि जर्नलिज्म के लिए जरूरी तत्व है- करेंट न्यूज पर आपकी पकड। ऐसे कैंडिडेट ही अच्छे जर्नलिस्ट बनते हैं, जिन्हें न्यूज की अच्छी समझ होती है और जिनकी राइटिंग स्किल बढिया होती है। साथ ही, उनका अपने पेशे के प्रति कमिटमेंट होना भी जरूरी है। दरअसल, किसी भी खबर का विश्लेषण कर उसे सरल रूप में पेश करना ही मास कम्युनिकेशन का मुख्य उद्देश्य होता है। यदि आप इस पेशे में सफल होना चाहते हैं, तो न्यूजपेपर्स, मैग्जींस और करेंट अफेयर्स संबंधित बुक्स जरूर पढें। इंटरव्यू है असली परीक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म में बैचलर करने के बाद मैं पीजी करना चाहता था। मैं प्रतिदिन एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के लिए दो लीडिंग न्यूजपेपर्स और कई मैग्जींस पढा करता था। एंट्रेंस एग्जाम राइटिंग स्किल और सामयिक घटनाओं के प्रति आपकी जागरूकता की जांच के लिए किए जाते हैं। इसमें सफल होना आसान है। असली परीक्षा इंटरव्यूज के दौरान होती है। इस दौरान आपके न्यूज सेंस, कम्युनिकेशन स्किल और पेशेंस की भी जांच-परख होती है। यदि आप दब्बू किस्म के इंसान हैं या जल्दी अपना धैर्य खो देते हैं, तो आपको इस क्षेत्र में सफलता नहीं मिल सकती। इसलिए आपको अपने लक्ष्य के प्रति स्पष्ट नजरिया बनाना होगा कि आपका स्वभाव इस पेशे के अनुकूल है या नहीं।


टाइम स्टा‌र्ट्स नाउ
इन दिनों विभिन्न बैंकों में नौकरियों की बहार आई हुई है। यही कारण है कि अब युवा फिर से बैंकिंग सेक्टर की तरफ मुडने लगे हैं। हाल ही में सेंट्रल बैंक ने प्रोबेशनरी आफिसर पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 5 जून और परीक्षा तिथि 25 जुलाई, 2010 है। कुल पदों की संख्या 500 है। यदि आप पीओ बनना चाहते हैं, तो आपके लिए बेहतर अवसर है।

योग्यता

यदि आपके पास किसी मान्यताप्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन में 55 प्रतिशत अंक हैं, तो आप आवेदन करने के योग्य हैं। इसके साथ ही कम्प्यूटर एप्लिकेशन की बेसिक जानकारी जरूरी है। जहां तक उम्र सीमा की बात है, तो सामान्य अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और अधिकतम 30 वर्ष निर्धारित है।

सेलेक्शन प्रॉसेस प्रोबेशनरी पदों के लिए लिखित परीक्षा होगी। इसमें उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को इंटरव्यू या ग्रुप डिस्कशन के लिए बुलाया जा सकता है। यह अभ्यर्थियों की संख्या पर निर्भर करेगा। प्रथम चरण के अंतर्गत रीजनिंग, क्वांटिटेटिव एप्टीटयूड, जेनरल अवेयरनेस और इंग्लिश लैंग्वेज से संबंधित प्रश्न होंगे। इसके बाद डिसक्रिप्टिव तरह के प्रश्न रहेंगे। इसके अंतर्गत सेसोशियो इकोनॉमिक डेवलपमेंट ऐंड कम्युनिकेशन स्किल आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे।

समझें प्रश्नों का पैटर्न

पैरामाउंट कोचिंग के अंजनी जायसवाल कहते हैं कि किसी भी परीक्षा के लिए बेहतर तैयारी तभी हो सकती है, जब आपको परीक्षा से संबंधित प्रश्नों के पैटर्न की जानकारी हो। क्योंकि सभी बैंक अलग-अलग क्षेत्रों से टेस्ट लेते हैं। अंजनी कहते हैं कि पहले सभी बैंकों के परीक्षा का पैटर्न लगभग एक था, लेकिन अब जरूरत के अनुसार सभी बैंक प्रश्नपत्रों को चेंज करते रहते हैं।

इस कारण आप जिस बैंक के पदों के लिए तैयारी कर रहे हैं, उसके पूर्व परीक्षाओं में किस तरह के प्रश्न पूछे गए हैं, उनका पहले अध्ययन करें और इसी पैटर्न पर तैयारी करें। 60 प्रतिशत प्रश्नों के पैटर्न पिछली परीक्षाओं से मिलते-जुलते होते हैं। इस कारण परीक्षा में पूछे जाने वाले अधिकांश प्रश्नों के पैटर्न से वाकिफ हुआ जा सकता है।

समय प्रबंधन

अंजनी कहते हैं कि ऑब्जेक्टिव परीक्षा में कम समय में अधिक से अधिक प्रश्नों का उत्तर देना होता है। इस तरह की परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए जरूरी है कि आप निर्धारित समय-सीमा के अंदर घर पर ही अधिक से अधिक प्रश्नों के उत्तर देने का अभ्यास करें। इसके लिए समय प्रबंधन भी जरूरी है। इसका महत्व न सिर्फ तैयारी में है, बल्कि परीक्षा हॉल में भी यह रणनीति महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस दौरान हर प्रश्न के सही तकनीक और शॉर्टकट विधि भी ईजाद कर सकते हैं।

प्रिपरेशन स्ट्रेटेजी

प्रश्नों का उत्तर देने के लिए अलग-अलग रणनीति बनानी पडती है। ऐसा कोई सूत्र नहीं है, जिसके आधार पर सभी प्रश्नों को हल किया जा सके। लेकिन यदि आप कुछ बातों का ध्यान रखते हैं, तो औरों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। यह कहना है अंजनी जायसवाल का। बेहतर करने के लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले प्रश्नों को समझने की कोशिश करें कि आखिर उसमें कहा क्या जा रहा है? उसके बाद उसे हल करने के लिए किस तरह के सूत्र कारगर हो सकते हैं, उसे दिमाग में बैठाएं। यदि इससे संबंधित कोई सूत्र या फार्मूला फिट बैठता हो, तो उसे हल करने के लिए रणनीति बनाएं तथा अंत में उसे हल करने के लिए जुट जाएं।

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