मंगलवार, 24 अगस्त 2010

एहसास

मुझे एहसास है रक्षाबंधन पर्व का क्योंकि मै अकेला हूँ.अपने परिजनों से काफी दूर.इंसान को कभी दुखी नहीं होना चाहिए.हर परिस्थितियों में हंसकर आगे बढना चाहिए.

1 टिप्पणी:

समयचक्र ने कहा…

""दूर रहने पर भी इस पर्व का एहसास होना ही चाहिए.... और ये भी सही है दूर रहने पर भी दुखी नहीं होना चाहिए ... "" बढ़िया विचार...रक्षाबंधन पर पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाये ...