बुधवार, 8 सितंबर 2010

जिंदगी और खुशी

तनख्वाह बढ़ने से हो जाती हैं खुशियां कम!

कहते हैं कि पैसे से हर खुशी खरीदी जा सकती है। परंतु एक नए अध्ययन में इससे अलग दावा किया गया है। दावा यह है कि वेतन बढ़ने के साथ जिंदगी में खुशी के बढ़ने की भी एक सीमा है। अधिक वेतन पाने वाले लोगों की जिंदगी से खुशियां भी कम हो जाती हैं।

इस अध्ययन को अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अंजाम दिया है। इसमें 1000 पेशेवर लोगों को शामिल किया गया। अध्ययन के दौरान इन लोगों के वेतन और इनकी जिंदगी की खुशियों के बारे में जाना गया। इसके बाद शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि खुशियों का बहुत ज्यादा ताल्लुक वेतन से नहीं है।
स्थानीय समाचार पत्र 'डेली मेल' के अनुसार इस अध्ययन में पाया गया कि 50,000 डॉलर प्रति वर्ष वेतन पाने वाले बेहद खुश और अपने जीवन से संतुष्ट दिखाई दिए। उनमें तनाव भी नहीं दिखा। वहीं 75,000 डॉलर प्रति वर्ष का वेतन पाने वाले अपेक्षाकृत कम खुश नजर आए और उनकी जिंदगी में तनाव ज्यादा था।
अध्ययन में कहा गया, ''जो लोग एक लाख अथवा ढेढ़ लाख का वेतन पाते हैं उनमें इन सबसे ज्यादा तनाव होता है। उन्हें अपनी जिंदगी में खुशियां तलाशने का वक्त नहीं मिलता। ये लोग 50,000 डॉलर वेतन पाने वाले से ज्यादा खुश नहीं पाए गए।''
इस अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता डॉक्टर क्रिस ब्यॉस ने कहा, ''ज्यादा वेतन पाने वालों में खुशी के अभाव की वजह से उनमें आत्मसंतुष्टि की कमी भी है। अगर कोई व्यक्ति 10 लाख डॉलर सालाना की कमाई करता है और उसके दोस्त का वेतन 20 लाख डॉलर सालाना है तो वह खुश नहीं रह सकता।''

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