मंगलवार, 14 दिसंबर 2010

इंटरनेट से मनोरंजन

इंटरनेट ने बदले मनोरंजन के मायने
- वंदना
आप दुनिया के किसी भी हिस्से में जाएँ सिनेमा ऐसा नशा है जिसका जादू सर चढ़कर बोलता है। इंटरनेट यानी तारों का जाल और इस जाल से मनोरंजन की दुनिया भी बच नहीं पाई हैं। फिल्म और संगीत के रिलीज से लेकर उसके प्रदर्शन और प्रचार तक के कई पहलूओं को इंटरनेट ने बदल कर रख दिया है।
यहाँ तक कि यू ट्यूब से लोगों को हॉलीवुड-बॉलीवुड में ब्रेक मिल रहा है। इंटरनेट विज्ञापनों की भी नई दुनिया बन गई है। आजकल तो फिल्म रिलीज हुई नहीं कि लोग उसकी प्राइरेटिड कॉपी तुरंत ही अवैध तरीके से इंटरनेट के जरिए यू ट्यूब पर डाल देते हैं और घर पर बैठे-बैठे ही फिल्म देख लेते हैं-फर्स्ट डे फर्स्ट शो।
फिल्म पा के रिलीज के दिन हिंदी फिल्मों के शहंशाह अमिताभ बच्चन के साथ क्या हुआ वे खुद बताते हैं, 'पा जिस दिन रिलीज हुई उसी दिन किसी ने ये फिल्म यू ट्यूब पर डाल दी। हमने यू ट्यूब को कई नोटिस भेजे। वे फिल्म इंटरनेट से हटा देते थे, लेकिन तुरंत कोई फिल्म दोबारा अपलोड कर देता था। मेरी समझ में नहीं आ रहा कि क्या करना चाहिए।'
यहाँ मानो अमिताभ भी कहते नजर आए कि इंटरनेट के जाल से निकलना मुश्किल ही नहीं नामुमिकन-सा है।
वेबसाइट पर देखिए फिल्में और सिरीयल: इंटरनेट तो मानो अब ऐसा पिटारा बन गया हैं जहाँ आप जो चाहें जब चाहें देख सकते हैं। इसी बाजार का फायदा उठाने के लिए कई कंपनियों ने अपनी-अपनी बेबसाइटें खोली हैं।
'मैंने प्यार किया' और 'हम आपके हैं कौन' जैसी सुपरहिट फिल्में बनाने वाले राजश्री बैनर ने भी अब इस दिशा में कदम बढ़ाएँ हैं और राजश्री डॉट कॉम खोला है। इतने बड़े बैनर ने आखिरकार क्या सोचकर इंटरनेट और ऑनलाइन की दुनिया में कदम रखा।
राजश्री मीडिया के मैनेजिंग डाइरेक्टर और सीईओ रजत बड़जात्या कहते हैं, 'हमने देखा कि कई फिल्में लोग अवैध तरीके से इंटरनेट पर डाल रहे थे, पाइरेसी हो रही थी और लोग देख भी रहे थे। तभी हमने सोचा कि क्यों न हम खुद ये काम करें ताकि लोग लीगल या वैध तरीके से ये फिल्में देख पाएँ। बहुत सारी फिल्में मुफ्त में देख सकते हैं। अगर कोई इसे डाउनलोड करना चाहता है तो वो उसे चंद डॉलर की फीस देकर डाउनलोड भी कर सकता है।
रजत बड़जात्या बताते हैं कि कुछ साल पहले राजश्री की फिल्म विवाह इंटरनेट पर रिलीज की गई थी जिसकी काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली। इसके बाद राजश्री ने जी, स्टार, यू ट्यूब वगैरह से पार्टरनशिप की जो धारावाहिक भी उनकी वेबसाइट पर डालते हैं। यहाँ तक कि बीबीसी मोशन गैलरी से कुछ वीडियो और रिपोर्टें भी इस बेवसाइट पर हैं जो कहीं- कहीं ही देखने को मिलती है।
वे कहते हैं, 'राजश्री की वेबसाइट खोलने का दूसरा कारण है कि आने वाले कल में लैपटॉप, आईपॉड जैसे उपकरण लोगों के हाथों में जा रहे हैं। इंटरनेट के ज़रिए इन्हीं पर लोग फिल्में देखेंगे। तो हमने डिजिटल वेंचर खोला और यू ट्यूब पर हमारे 11 चैनल हैं अलग-अलग भाषाओं में।'
इरोस इंटरनेशनल ने भी ऐसी ही वेबसाइट शुरू की हुई है। यकीन मानिए ऐसी वेबसाइटें किसी भी फिल्म प्रेमी के लिए किसी खजाने से कम नहीं। देवदास शाहरुख से लेकर दादा मुनी अशोक कुमार तक की फिल्में, सिरीयल आप यहाँ देख सकते हैं।
आप सोचेंगे कि इससे इन वेबसाइटों को क्या फायदा। रजत बड़जात्या बताते हैं, 'मुनाफा हमें विज्ञापनों से मिलता है जो इंटरनेट पर कंपनियाँ हमारी वेबसाइट पर डालती हैं। फिर फिल्में आदि डाउनलोड करने के लिए लोग फीस देते हैं। उससे भी आमदनी होती है। तीसरा जरिया है कि हमारा यूट्यूब, अमेजॉन वगैरह से अनुबंध है जो हमारे फिल्में, सिरीयल लेते हैं। यू ट्यूब पर हमारे 21.5 करोड़ वीडियो डाले हुए हैं।
यू ट्यूब से मिली हॉलीवुड फिल्म: इंटरनेट ने फिल्म रिलीज करने का तरीका भी बदल दिया है। रंग दे बसंती से मशहूर हुए अभिनेता सिद्धार्थ की हिंदी फिल्म स्ट्राइकर पिछले महीने थिएटरों के साथ-साथ पूरी दुनिया में एक साथ इंटरनेट पर रिलीज हुई (भारत को छोड़कर)।
जब भारत में लोग इंटरवल के दौरान पॉपकॉर्न खरीद रहे थे तो उसी दौरान हीरो साहब ऑनलाइन थे और दुनिया भर के उन फैन्स के साथ चैट कर रहे थे जो फिल्म को रिलीज के दिन विभिन्न देशों में ऑनलाइन देख रहे थे और ये इंटरनेट का ही कमाल था।
इंटरनेट ने दुनिया के सामने अपनी सृजनशीलता दिखाने के भी नए दरवाजे खोल दिए हैं। जरा इस किस्से पर गौर कीजिए। उरुग्वे के एक निर्माता फेडे अल्वारोज ने पिछले साल नवंबर में करीब पाँच मिनट की एक लघु फिल्म बना यू ट्यूब पर अपलोड की। और चंद दिन बाद उन्हें हॉलीवुड के लिए फिल्म बनाने का प्रस्ताव मिल गया।
बीबीबी से बातचीत में अल्वरारोज बताते हैं, 'मेरी इस हॉलीवुड फिल्म को प्रायोजित करेंगे सैम राइमी जो स्पाइरमैन और एवल डेड जैसी फिल्में बान चुके हैं। ये अदभुत था, हम सब चकित थे। अगर कोई निर्देशक यू ट्यूब पर इंटरनेट के जरिए फिल्म डालकर हॉलीवुड की फिल्म हासिल कर सकता है तो फिर ये किसी के लिए भी मुमकिन है।'
वहीं नई अभिनेत्री और शक्ति कपूर की बेटी श्रद्धा को तीन पत्ती में अपना पहला रोल इंटरनेट के जरिए ही मिला। निर्माता ने उनकी तस्वीरें फेसबुक पर देखीं और बुला लिया ऑडिशन के लिए।
संगीत और इंटरनेट: संगीत के क्षेत्र में भी इंटरनेट के कारण नए प्रयोग हो रहे हैं। गायक लकी अली ने अपनी ताजा एल्बम सीडी के जरिए नहीं बल्कि ऑनलाइन बाजार में रिलीज की है।
क्यों, खुद लकी बताते हैं, 'दरअसल जब आप सीडी रिलीज करते हैं तो उसमें रिकॉर्ड कंपनियाँ शामिल हो जाती हैं। लेकिन गायक को पूरा फायदा नहीं मिलता। वो सोचता रह जाता है कि एलबम की बिक्री तो अच्छी है फिर मुझे पैसे क्यों नहीं दे रहे। आपको सिस्टम से लड़ना पड़ता है, हिसाब माँगना पड़ता है। ये कलाकार की फितरत नहीं है कि वो हिसाब माँगे। मैं नाम नहीं लूँगा पर मेरा अनुभव कंपनियों के साथ अच्छा नही रहा। इसिलए मैंने इस बार एलबम ऑनलाइन रिलीज की।'
इस माया जाल का एक बड़ा नुकसान ये जरूर है कि इंटरनेट पर बिना कानूनी अधिकार के लोग अवैध रूप से दूसरों की फिल्में, गाने और दूसरी चीजें डाउनलोड करते हैं, लेकिन हर सिक्के के दो पहलू तो होते ही हैं।
राजश्री के रजत बड़जात्या कहते हैं कि जल्द ही तारों का ये जाल इतना फैल जाएगा कि लोग अपने कंप्यूटर पर ही नहीं अपने मोबाइल, टीवी और यहाँ तक की घड़ियों जैसे उपकरणों पर भी इंटरनेट के जरिए फिल्में देख पाएँगे।
अपनी बात समेटते हुए वे बड़े आत्मविश्वास से कहते हैं कि मनोरंजन जगत में भविष्य का माध्यम इंटरनेट ही है और इस क्षेत्र में बहुत कुछ नया होना अभी बाकी है।

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