रविवार, 12 दिसंबर 2010

छत्तीसगढ़ की खबरें

चुनाव में हेलिकॉप्टर का प्रयोग
रायपुर। नगरीय निकाय चुनाव ठीक तरह से करवाने के लिए निर्वाचन आयोग तैयारियों में जुटा है। कहीं पर आसानी से चुनाव हो जाएंगे तो कहीं सुरक्षा बलों के साथ ही हेलीकाप्टर का उपयोग भी करना पड़ सकता है। यानी आयोग जमीन से लेकर आसमान तक एहतियाती इंतजाम कर रहा है। निकाय चुनाव में सात लाख वोटरों के लिए 956 बूथों का इंतजाम किया गया है। 13 स्थानों पर वोटिंग 21 व बैकुंठपुर में 23 दिसंबर को होगी।
नक्सल प्रभावित बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर और बीजापुर जिलों में भी चुनाव हो रहे हैं। निर्वाचन आयुक्त पी.सी. दलेई का कहना है कि चुनाव सीमित मैदानी इलाके में है इस वजह से परेशानी की संभावना नहीं है। फिर भी जरूरत पड़ी तो अलग से बल उपलब्ध करा दिया जाएगा। शासन ने बस्तर में पुलिस को हेलीकाप्टर दे रखा है। जरूरी हुआ तो उसका उपयोग किया जा सकेगा। पूर्व में हुए पंचायत चुनावों में कुछ स्थानों के लिए हेलीकाप्टर का उपयोग किया गया था। एक नगर निगम, छह नगर पालिक परिषद, सात नगर पंचायतों में आम निर्वाचन तथा कुछ वार्डो के लिए उपचुनाव हो रहे हैं।
आयोग ने करीब सात लाख वोटरों के लिए 956 बूथों का इंतजाम किया है। 13 स्थानों पर वोटिंग 21 व बैकुंठपुर में 23 दिसंबर को होगी। इसके लिए 1050 मतदान दल बनाए गए हैं। लगभग इतने ही वाहनों का इंतजाम किया जा रहा है । मतगणना 24 व 26 दिसंबर को होगी। इसके लिए अलग से अफसरों व कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। महापौर या अध्यक्ष तथा पार्षद के लिए अलग-अलग रंग के मतपत्र छपवाए जा रहे हैं। 1200 से अधिक मतपेटियों से धूल झाड़कर दुरुस्त कर लिया गया है।
वोटिंग से पहले और नतीजों तक निर्वाचन आयोग की कड़ी परीक्षा होती है। तय समय पर चुनाव कराने समूचा अमला विभिन्न प्रकार की तैयारी में लग जाता है। थोड़ी सी भी चूक उसकी विश्वसनीयता पर बट्टा लगा सकती है इस वजह से फूंक-फूंक कर कदम रखना पड़ता है।

जनता की सड़क भी हुई भू-माफियाओं के हवाले
रायपुर।राजधानी के भाठागांव राजस्व निरीक्षक मंडल क्षेत्र में आने वाले महामाया वार्ड स्थित भैया तालाब से लगी निस्तारी और सरकारी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। रहवासियों का आरोप है कि भू-माफियाओं ने कुछ जमीन तो कब्जा कर बेच भी दी और अब उस पर लोग घर बनाकर रहने लगे हैं।
उनका यह भी कहना है कि निस्तारी की जमीन के अलावा सड़क को भी बेचा जा रहा है। इसके कारण अब यहां की सड़क सिर्फ राजस्व विभाग के नक्शे में ही शेष रह गई है।

इन्वेस्टीगेशन में यह भी सामने आया कि जब यह क्षेत्र विकसित नहीं हुआ था तब यहां श्मसान घाट हुआ करता था। इसके बाद भी प्रशासन की लापरवाही के कारण यहां की जमीन पर लगातार कब्जे हो रहे हैं। इसकी शिकायत नगर निगम आयुक्त से लेकर जिला प्रशासन के एस.डी.एम. तक की जा चुकी है, लेकिन कार्रवाई के बजाय वे अधिकारी चिट्ठी-पत्री में ही मामले को उलझाए हुए हैं। दो माह बाद भी अब तक जिम्मेदारों ने मौके पर जाकर वस्तुस्थिति का जायजा नहीं लिया है।
भैया तालाब के पास से शुरू होने वाली यह सड़क राजस्व विभाग के नक्शे में 40 फीट चौड़ी है। जबकि हकीकत में सड़क का अता-पता नहीं है। ऐसे में पुरानी बस्ती के लोगों को भैया तालाब क्षेत्र में आने-जाने के लिए बूढ़ा तालाब के पास से घूमकर जाना पड़ता है। इससे पांच कि.मी. का अतिरिक्त रास्ता तय करना पड़ रहा है।

35 लाख के झगड़े में बंद हुई सफाई
रायपुर। रायपुर नगर निगम और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पी.एच.ई.) के बीच उपजा एक विवाद आने वाले दिनों में राजधानी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। जड़ में है ड्रेनेज सिस्टम जिसके मैंटेनेंस का पैसा न मिलने के कारण पी.एच.ई. अफसरों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। उन्होंने अब निगम को ही इसका जिम्मा संभालने को कह दिया है।

दो विभागों के बीच जारी विवाद इस कदर बढ़ गया है कि चार महीने से रायपुर शहर का अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम ठप है। अब तो खमतराई और टिकरा पारा स्थित उन पंपिंग स्टेशन पर भी ताला जड़ा जा चुका है जहां लगी मशीनों से सीवेज को बाहर पहुंचाया जा रहा था।
हमारे शहर के प्रति अधिकारियों के इस लापरवाह रवैये को देखते हुए डीबी स्टार टीम ने इन्वेस्टीगेशन किया। सामने आया कि पी.एच.ई. ने नगर निगम के सिस्टम को चलाने के लिए इस साल 44 लाख 50 हजार रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा था। 10 मई को निगम प्रशासन ने इसमें से महज १क् लाख रुपए का चेक जारी किया, यह राशि जुलाई में ही खत्म हो गई। इसके बाद दोनों जिम्मेदार विभागों के अफसरों में बकाया को लेकर विवाद गहरा गया।
मामले ने इतना तूल पकड़ा कि पी.एच.ई. कार्यपालन अभियंता ओंकेश चंद्रवंशी ने नगर निगम कार्यपालन अभियंता ए.के. माल्वे को समूची व्यवस्था ही हस्तांतरण करने को लेकर पत्र भेज दिया। विवाद चरम पर है, ड्रेनेज सिस्टम ठप है, अधिकारी चिट्ठी-पत्री कर रहे हैं और इसकी खबर महापौर किरणमयी नायक तक को नहीं है। जब टीम ने उन्हें इन हालात से रूबरू करवाया तो वे चौंक गईं। पूछने लगीं- क्या शहर का अपना कोई ड्रेनेज सिस्टम भी है।
नगर निगम और पी.एच.ई.अफसरों के बीच ड्रेनेज सिस्टम चलाने को लेकर एक साल से विवाद जारी है। पंपिंग स्टेशन पर ताले जड़े जा चुके हैं, इसके बाद भी जिम्मेदारों ने महापौर को जानकारी तक देना मुनासिब नहीं समझा। डीबी स्टार टीम जब इस मसले पर बात करने के लिए उनसे मिली तो महापौर किरणमयी नायक बोलीं- कौन सी लाइन, कहां है, आप क्या बात कर रहे हैं, मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा।
जब उन्हें दस्तावेज और २२ साल पुराने ड्रेनेज सिस्टम का नक्शा दिखाया गया तो वे भी चौंक गईं। इसके बाद बोलीं- मुझे तो मेरे स्टाफ ने कभी इसके बारे में बताया ही नहीं। फिर निगम में जिस अधिकारी के जिम्मे यह व्यवस्था है को फोन कर वस्तुस्थिति के बारे में पूछा। बोलीं- समस्या को लेकर इसकी फाइलें मंगवाकर बैठक लेती हूं। वस्तुस्थिति जानूंगी कि आखिर कैसे शहर को संकट से उबारा जाए।

राहुल और पार्वती को मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार
बिलासपुर.अपनी जान की परवाह न करते हुए दूसरों की जान बचाने वाले राहुल और पार्वती को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिलेगा। गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी दिल्ली में होने वाले समारोह में राष्ट्रपति के हाथों उन्हें यह सम्मान मिलेगा।
साहस का परिचय देने वाले बच्चों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिया जाता है। इसके लिए इस वर्ष जिले के दो बच्चों का चयन किया गया है। इसमें से राहुल र्कुे बिलासपुर के मंगला घाट, छोटी कोनी के रहने वाला है, वहीं पार्वती गौरेला विकासखंड में ग्राम कोटरिया की रहने वाली है।
दोनों को 26 जनवरी 2010 को राजधानी रायपुर में आयोजित समारोह में राज्य वीरता पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।भास्कर 24 जनवरी के अंक में इन बच्चों की बहादुरी के साथ-साथ बदहाली को प्रशासन के सामने रखा था।
दोनों बच्चों को उनके अदम्य वीरता के कामों के लिए 26 जनवरी 2010 को राजधानी रायपुर में होने वाले समारोह में राज्य वीरता पुरस्कार दिया गया था। इसके बाद 30 सितंबर 2010 को दोनों बच्चों के नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए भेजा गया था।उल्लेखीय है कि भास्कर ने इस वर्ष की शुरुआत में 24 जनवरी को जिले के बहादुर बच्चों पर विस्तृत खबर प्रकाशित की थी, और उनके रहन-सहन, आर्थिक स्थिति, वीरता पर उनके अभिभावकों के विचार जानने के साथ ही उनकी शिक्षा, लक्ष्य की भी जानकारी दी थी।

जज पति पीता है शराब, पराई लड़की संग करता है अय्याशी
कोरबा/रायपुर.पत्नी पर हत्या का प्रयास का मामला दर्ज कराने वाले जज केपी भदौरिया ने चार दिन बाद मीडिया के सामने खुद का बचाव करने की कोशिश की। उन्होंने पत्नी पर शादी के बाद से ही प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
पेट्रोल छिड़कने को लेकर अभी भी बयान विरोधाभासी है। जज का कहना है कि पत्नी ने उसे जलाकर मारने की कोशिश की लेकिन बच्चों के बताए अनुसार मामला पेचीदा हो गया है।

एक ने जज को खुद पर पेट्रोल डालना बताया जबकि दूसरे ने मां मन्नू भदौरिया द्वारा पेट्रोल डालना बताया। शुक्रवार को अपने सरकारी आवास में जज भदौरिया ने अपनी पत्नी मन्नू पर आरोप लगाते हुए कहा कि शादी के बाद से ही वह उन्हें प्रताड़ित करती आ रही है।
परिवार को बचाने के लिए मैं सब कुछ सहता रहा। जज बनने के बाद तो वह एक तरह से मुझे ब्लैकमेल करने लगी थी। मैं घर की बात बाहर रखने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था, क्योंकि मैं एक जज हूं।
उसने जब पेट्रोल छिड़ककर मुझे जिंदा जलाने का प्रयास किया, तो मैंने हिम्मत जुटाकर उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद से मुझे खलनायक के रूप में पेश किया जा रहा है।
अधिवक्ता संघ के विरोध मसले पर उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा से पक्षकारों के पक्ष में फैसला दिया, इसलिए वकील मेरे खिलाफ हैं। मेरे फैसलों से नाखुश अधिवक्ता संघ मेरे खिलाफ हैं और मामले को तूल दे रहे हैं।
शिकायत पर हो रही है जांच:
मन्नू भदौरिया द्वारा गुरुवार देर शाम रामपुर चौकी में अपने पति के खिलाफ किए गए लिखित शिकायत के मामले में अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। इस संबंध में पुलिस अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मामला न्यायिक क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति का होने के कारण शिकायत पर जांच की जा रही है।
मन्नू के पक्ष में विधायक और नागरिक:
जज पति और पत्नी के बीच झगड़े ने यहां तूल पकड़ लिया है। अधिवक्ता संघ समेत विधायक जयसिंह अग्रवाल, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बनवारी लाल अग्रवाल , समाज सेवी केएन सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधि एवं शहरवासी मन्नू भदौरिया के पक्ष में आ गए हैं।
सभी पीड़िता मन्नू भदौरिया को इंसाफ दिलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। गुरुवार को जमानत मिलने के बाद जेल से छूटते ही मन्नू भदौरिया ने अपने पति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पापा अच्छे नहीं
भदौरिया दंपती के दोनों बच्चे पुत्री कुमारी मिली(९) एवं पुत्र हर्ष(5) निर्मला स्कूल में क्रमश: कक्षा तीसरी और केजी-1 में पढ़ते हैं। इन दोनों बच्चों ने अपने पिता द्वारा मम्मी से मारपीट करने की बात कही।
दोनों मासूमों ने पापा को अच्छा नहीं बताया जबकि वे मम्मी के साथ रहने की बात मीडिया के सामने कही। घटना के संबंध में मिली ने जहां पापा द्वारा स्वयं पर पेट्रोल छिड़कना बताया, वहीं हर्ष ने मम्मी द्वारा पापा पर पेट्रोल छिड़कने की बात कही।
इस संबंध में जज भदौरिया ने कहा कि गुरुवार की शाम जब मन्नू भदौरिया बच्चोंे से मिलने पहुंची थी तब खिड़की से बच्ची मिली को उसने बरगला दिया है।
महिलाओं को घर लाते थे जज : मन्नू
जज भदौरिया की पत्नी मन्नू भदौरिया ने बताया कि उसके पति शादी के बाद से उन्हें लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। आए दिन मारपीट करते थे। शिकायत करने पर दबाव डालकर बयान बदलवाया जाता था।
भूखे रखने के साथ-साथ यातना दी जाती थी। कोरबा में आने के बाद वे (जज पति) शराब पीकर अय्याशी करने लगे। इसके साथ ही अन्य महिलाओं को साथ लेकर घर भी आ जाते थे। विरोध करने पर वे उससे मारपीट कर धमकाते थे। मन्नू ने कहा कि डर और बच्चों के लिए वह सब सहती रही।
बच्चों को प्राप्त करने का प्रयास:
शुक्रवार को मन्नू भदौरिया अपने परिजनों के साथ जिला न्यायालय पहुंची। यहां उसने अधिवक्ता संघ के सहयोग से बच्चों की सुपुर्दगी लेने का प्रयास किया। समाचार लिखे जाने तक बच्चों के सुपुर्दगी के लिए आवेदन न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हो पाया था।

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