रविवार, 16 जनवरी 2011

छत्तीसगढ़ की खबरें

चाय-नाश्ते’ का पैसा दो तब होता है रजिस्ट्रेशन
राजधानी स्थित स्टेट फार्मेसी काउंसिल के कार्यालय में प्रदेशभर से रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण के लिए आने वाले छात्रों को लूटा जा रहा है। इन बेरोजगारों से दफ्तर के बाबू चाय-नाश्ते के नाम पर खुलेआम पैसा मांगते हैं। इसकी जानकारी जिम्मेदारों को भी है, लेकिन वे कार्रवाई के बदले बहाने कर रहे हैं।

डीबी स्टार टीम ने स्टिंग ऑपरेशन में गीतांजली नगर स्थित छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के दफ्तर में खुलेआम चल रही घूसखोरी को पकड़ा है। यहां रोजाना प्रदेशभर से डी. फार्मेसी और बी. फार्मेसी के सैकड़ों छात्र रोजगार के लिए जरूरी रजिस्ट्रेशन व नवीनीकरण करवाने आते हैं। स्टिंग में सामने आया कि यहां शासन द्वारा निर्धारित फीस की रसीद देकर चाय-नाश्ते के नाम पर 500 से 1000 रुपए तक अधिक लिए जा रहे हैं। इनके द्वारा नया रजिस्ट्रेशन करवाने आए छात्रों से ही ज्यादा पैसों की मांग की जाती है। हद तो यह है कि यहां आने वाले छात्र व पालक जब तक बाबुओं (तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) को चढ़ावा नहीं चढ़ाते तब तक उनका काम अटकाकर ही रखा जाता है। इसके अलावा जल्द काम करवाने के नाम पर भी छात्रों और पालकों से अधिक पैसे ऐंठे जा रहे हैं।

इस तरह किया खुलासा
मिली शिकायत पर डीबी स्टार टीम 10 जनवरी 2011 को छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार कार्यालय में पहुंची। इस दौरान रिपोर्टर अपने छोटे भाई को डी.फार्मा डिप्लोमाधारी बताकर रजिस्ट्रेशन करवाने की जानकारी ली। यहां बैठकर छात्रों से उगाही कर रहे बाबुओं ने पहले 100 रुपए का फॉर्म खरीदने को कहा। जब कर्मचारियों से पूछा गया कि कब तक काम हो जाएगा तो उन्होंने कहा फॉर्म के साथ पैसा लेकर आ जाना सब तुरंत हो जाएगा। कितना पैसा पूछा तो बोले, उसी समय बताएंगे। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान टीम ने देखा कि कर्मचारियों का रैकेट छात्रों से निर्धारित 300-350 शुल्क लेने के अलावा चाय-नाश्ते के लिए दोगुना पैसा तक ले लेते हैं।
पकड़े न जाएं इसलिए कर रखे हैं इंतजाम
बाबुओं ने पकड़े न जाने के लिए पुख्ता इंतजाम कर रखे हैं। वे छात्र के अंदर आते ही दरवाजा बंद कर देते हैं। छात्र या तो अकेले या अपने पालक के साथ ही अंदर जा सकता है। इस पर डीबी स्टार टीम ने कुछ छात्रों को हिडन वीडियो कैमरा देकर अंदर भेजा। इस दौरान हुई रिकॉर्डेड बातचीत..

?कर्मचारी- किसका नवीनीकरण करवाने आए हो, वह खुद क्यों नहीं आई?
—मेरी बहन का है, वह कॉलेज गई है इसलिए मैं ही आ गया हूं। उसके दस्तावेज के साथ मैं हस्ताक्षर के मिलान के लिए ड्राइविंग लाइसेंस और पैन कार्ड लेकर आया हूं।
?चलो इस बार तो करे दे रहा हूं पर दोबारा ऐसा नहीं चलेगा, तुम्हारी बहन को ही आना पड़ेगा?
—ठीक है सर।
(इसी दौरान वहां बैठे अनिरुद्ध नामक कर्मचारी ने युवक द्वारा निर्धारित फीस 300 रुपए दिए जाने के बाद चाय-नाश्ते के लिए और पैसे मांगे..)
—सर, अभी तो इतना ही लाया हूं। वैसे भी रजिस्ट्रेशन के समय तो आपने जितना मांगा था, उतना दिया ही। अब और क्या लेंगे।
अलाव से जल गईं दो बच्चियां
कवर्धा/रायपुर। शहर से 30 किमी दूर रानीदहरा गांव में दो बच्चियों की जलने से मौत हो गई, जबकि उनके दादा गंभीर रूप से झुलस गए। घटना के समय तीनों झोपड़ी में सो रहे थे। 60 वर्षीय लामू अपने खलिहान के पास बनी झोपड़ी में शुक्रवार रात सोने जा रहे थे।
उनकी पौत्री चार वर्षीय सीमा और 10 साल की श्यामवती भी साथ सोने चली गईं। ठंड से बचने के लिए लामू ने झोपड़ी के पास ही अलाव जला रखा था। 11 बजे के करीब अचानक झोपड़ी में आग लग गई। लामू किसी तरह बाहर निकला और आसपास के लोगों को आवाज लगाई। जब तक लोग आग बुझाने पहुंचे, दोनों बच्चियां दम तोड़ चुकी थीं। वहीं लामू की स्थिति चिंताजनक है। बोड़ला टीआई यूके वर्मा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि जलने से ही बच्चियों की मौत हुई है।
सौतेली थीं दोनों बच्चियां
मृत दोनों बच्चियां सौतेली बहनें थीं। पिता सुक्कलराम मेरावी ने दोनों बच्चियों को अपने पास ही रखा था।

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