सोमवार, 3 जनवरी 2011

बिछुड़े प्यार को भूल जाना बेहतर

- मानसी
NDहेलो दोस्तो! जब आप कोई पाठ याद करना चाहें तो कितनी मुश्किल होती है। बार-बार उसे दुहराना। थोड़ा समय बीतने पर फिर उसे याद करके चेक करना कि कहीं आप उसे भूल तो नहीं गए। याद रखने के लिए कई तरीके ईजाद किए गए हैं। कोई किसी रूखे-सूखे जवाब को तुकबंदी बनाकर याद करने की कोशिश करता है तो कोई बार-बार लिखकर या फिर तारीखों को अपनी निजी तारीखों से जोड़कर याद करता है।
आप किसी को भी थोड़ा-ज्यादा काम बता दें वह कुछ न कुछ भूल ही जाता है। दफ्तरों में भी लोग न जाने कितनी डायरी, कितने प्लैनर इसी काम के लिए भरते रहते हैं। फिर भी अपनों का जन्मदिन, शादी की सालगिरह आदि याद रखना आसान नहीं लगता है तो मोबाइल में रिमाइंडर लगाते हैं। ये सारे जतन बस इसलिए किए जाते हैं कि आप भूलें न।
पर उस समय आप हैरान रह जाते हैं जब एक मामूली सी, छोटी-सी बात भूलना चाहें और हजार कोशिश के बावजूद आप उसे भूल न पाएँ। उन बातों को जिसे आपको याद करने के लिए कोई प्रयास नहीं करना पड़ा पर उसे भुला पाना असंभव लग रहा हो। आप के लिए उस पीड़ा को बयान करना मुश्किल हो जाता है जब अनचाही यादें आ-आकर आपको बताती हैं कि आप उन्हें भूल नहीं पाओगे।
ऐसी ही यादों को पूरी तरह भूल जाना चाहते हैं महेश (बदला हुआ नाम)। महेश का प्यार टूटे दो वर्ष हो गए हैं पर अभी तक महेश एक पल के लिए भी अपनी दोस्त को नहीं भूल पाए हैं। महेश से अलग होने के बाद उनकी दोस्त ने एक बार भी पलट कर नहीं देखा। न कभी मिलने या बात करने की कोशिश की। दोनों के पहचान वालों के सामने भी कोई जिक्र नहीं छेड़ा। अलग होने के बाद ऐसी खामोश हुई मानो उसे जानती ही नहीं।
इधर महेश हैं कि अब भी उसका इंतजार कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि उनके गम से निजात और खुशी की वजह केवल उनकी दोस्त है, जो बस एक बार फिर मिल जाए।
महेश जी, आपको अपने-आप से भी शिकायत है कि वह इतनी बेदर्द है फिर भी आप उसे जी जान से चाहते हैं। दरअसल, यह आपका पहला प्यार था इसलिए आप हजार गिले-शिकवे के बाद भी वहीं अपना सुकून व मंजिल महसूस करते हैं। इस प्यार की तुलना करने के लिए आपके पास दूसरा कोई अनुभव भी नहीं है। आप लोगों के बीच क्यों झगड़ा हुआ, क्यों आप लोग अलग हुए, किस प्रकार का मन-मुटाव या गलतफहमी हुई इसके बारे में आपने कुछ नहीं लिखा है। पर, दो वर्ष तक उसे याद करके उदास होने से यह बात तो तय है कि आप में एक प्रकार का गहरा कमिटमेंट है और साथ ही शिकायतों को नजरअंदाज कर माफ करने की क्षमता भी है।
ऐसा मुमकिन नहीं है कि आपकी ये खूबियाँ आपकी दोस्त की नजरों से ओझल होंगी। आपके एकतरफा चाहत की बात भी उन तक पहुँचती होगी। आपके इंतजार की खबरें भी उन्हें मिलती होंगी। इसके बावजूद वह आपसे कोई संवाद नहीं रखना चाहती हैं तो इसका सीधा सा मतलब है कि वह इस अध्याय को बंद कर देना चाहती है। दो साल का अरसा बहुत बड़ा समय होता है। नाराजगी की बर्फ इस बीच पिघल जानी चाहिए थी।
ऐसा नहीं हुआ है तो इसका एक ही मतलब है कि वह अब कभी नहीं लौटेंगी। इसलिए किसी चमत्कार का इंतजार करना बेकार है। आप में सबसे अच्छी बात यह है कि आप जीवन जीना चाहते हैं, खुश रहना चाहते हैं। आपने लिखा, आपको दूसरा कोई और भाता नहीं है। शायद इसकी वजह यह हो कि आप अपनी दोस्त को गलत न समझते हों।
इसका एक ही मतलब है कि वह अब कभी नहीं लौटेंगी। इसलिए किसी चमत्कार का इंतजार करना बेकार है। आप में सबसे अच्छी बात यह है कि आप जीवन जीना चाहते हैं, खुश रहना चाहते हैं।हो सकता है, इस अलगाव की वजह के पीछे आप हों और उन्होंने आपकी इस भूल को आपकी तमाम खूबियों पर भारी माना। आप नौकरी करते हैं इसलिए आप व्यस्त रह सकते हैं। फिलहाल आप अपनी नौकरी यानी जिम्मेदारियों से प्यार करना शुरू कर दें। यदि आपकी कोई हॉबी हो जिसे आपने अभी तक ज्यादा समय नहीं दिया है तो उसे समय दें।
व्यायाम करें अपनी सेहत के बारे में सोचें। रोज सुबह टहलें और खाने-पीने में सुधार करें। फल-सब्जी, अंकुरित अनाज खाएँ। चाय-कॉफी कम कर दें। अपने पहनावे पर ध्यान दें। अच्छे स्टाइलिश कपड़े खरीदें। खुद को सँवारने-सजाने पर समय लगाएँ। सबसे अहम आप हैं। अपने आप से प्यार करें। दुनिया- जहाँ की खबरें देखें और अपना ज्ञान बढ़ाएँ। अपने कॅरिअर में आगे बढ़ने की सोचें।
यदि आपने ये सब पूरी लगन और गंभीरता से किया तो आपका व्यक्तित्व ही कुछ और हो जाएगा। आपको अपनी दोस्त की यादों से न केवल मुक्ति मिलेगी बल्कि आप अपने दम पर खुश होना सीख जाएँगे। जब आप अपने आपको सराहेंगे और दूसरे भी आपकी तारीफ करेंगे तो आपके खयालों में सोच के केंद्र बिंदु में आप होंगे।
दूसरी छवि गायब होती जाएगी और वह दिन दूर नहीं होगा जब आप फिर किसी और से भी प्यार या शादी की स्थिति में होंगे। आप नए अनुभव से डरते हैं क्योंकि आप हर समय, अपनी दोस्त से उसकी तुलना करते रहते हैं। अभी आप किसी प्रेम-प्रेमिका के बारे में न सोचें। कुछ दिन अकेले रहकर अपने-आप पर ध्यान दें, सब कुछ ठीक हो जाएगा।

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