मे दैनिक राष्ट्रीय हिंदी मेल का सम्पादक हूँ.खुल्लम खुल्ला मेरी अभिव्यक्ति है .अपना विचार खुलेआम दुनिया के सामने व्यक्त करने का यह सशक्त माध्यम है.अरुण बंछोर-मोबाइल -9074275249 ,7974299792 सबको प्यार देने की आदत है हमें, अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे, कितना भी गहरा जख्म दे कोई, उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
सोमवार, 19 जुलाई 2010
बहस-२
ट्रेन हादसों के लिए जिम्मेदार है. १.रेलवे की व्यवस्था
२.विभाग की लापरवाही
३.कर्मचारियों की मनमानी
हमारे देश मे हर महीने ट्रेन हादसे होतीं है.इसके लिए निश्चित ही रेल विभाग जिम्मेदार है.लेकिन व्यवस्था भी उतनी ही जिम्मेदार है.
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