मे दैनिक राष्ट्रीय हिंदी मेल का सम्पादक हूँ.खुल्लम खुल्ला मेरी अभिव्यक्ति है .अपना विचार खुलेआम दुनिया के सामने व्यक्त करने का यह सशक्त माध्यम है.अरुण बंछोर-मोबाइल -9074275249 ,7974299792 सबको प्यार देने की आदत है हमें, अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे, कितना भी गहरा जख्म दे कोई, उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें...
बुधवार, 21 जुलाई 2010
बहस-३
ये कैसा लोकतंत्र बिहार विधानसभा मे जो कुछ हुआ .देश को शर्मशार करने के लिए काफी है.ऐसे जनप्रतिनिधियों को दोबारा चुनकर भेजना चाहिए .
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