रविवार, 30 मई 2010

साहित्यिक कृतियां

विडंबना

बैंक के एटीएम के पास तीन रिक्शेवाले सवारी की प्रतीक्षा में सडक के किनारे अपने-अपने रिक्शे पर बैठे थे। एक कार आकर रुकी उसमें से एक सम्भ्रांत सा आदमी उतरा और एटीएम की ओर बढा। रिक्शेवालों के बगल में ही नाले के किनारे पांच सौ के दो नोट गिरे पडे थे। कार वाले ने देखा उसने चुपके से उठा लिया और एटीएम की ओर बढ गया। एक रिक्शेवाले ने देखा तो उसने दूसरे रिक्शेवाले को दिखाते हुए कहा-वो देखो ऊपर वाला भी उसे ही देता है जिसके पास कुछ है।

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