रविवार, 2 मई 2010

आलेख


जब हो मूड ऑफ...
दुनिया में कोई भी ऐसा इंसान नहीं है जिसका मूड ऑफ न होता हो। फिर चाहे वह जितना भी सभ्य, समझदार और सीधा हो। मूड में होना या मूड ऑफ होना वास्तव में सहज स्वाभाविक शारीरिक प्रक्रियाएँ हैं।
इसलिए इनसे कभी छुटकारा नहीं पाया जा सकता। हाँ, थोड़ी-सी संवेदनशीलता और समझबूझ में मूड ऑफ होने के दौरान होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। पेश है मूड ऑफ के दौरान होने वाले नुकसान से बचने के कुछ कारगर टिप्स-

* मूड ऑफ होने के दौरान बात-बात पर गुस्सा आता है और हर व्यक्ति, स्थिति व चीज पर झुंझलाहट पैदा होती है। इससे लड़ाइयाँ हो जाती हैं, स्थितियाँ प्रतिकूल हो जाती हैं और चीजों पर गुस्सा उतरने के कारण वे टूट-फूट जाती हैं। इसलिए 'मूड ऑफ' होने के कारण गुस्सा न आए या न बढ़े, इसके लिए जैसे ही लगे कि मूड ऑफ हो रहा है, तेज चहलकदमी शुरू कर दें।

* अगर संभव हो तो पास के किसी पार्क या दूसरी खुली जगह पर निकल जाएँ। पार्क और खुली जगह का अभाव हो तो यूँ ही सड़कों पर निकल जाएँ और तेज-तेज कदमों से लगभग डेढ़-दो किलोमीटर तक चलें। निश्चित रूप से इससे मूड सही होगा।

* अगर घूमने के लिए बाहर जाना संभव न हो पाए तो तेज-तेज कूदना शुरू कर दें। जितनी ऊपर उठकर नीचे कूद सकें, उतना ही आसान होगा मूड सही करना।

* यह भी न करना हो तो दंड-बैठक लगाना शुरू कर दें।

* पर भूल से भी कभी मूड ऑफ के दौरान टीवी देखने, कोई किताब पढ़ने या करियर की प्लानिंग करने न बैठ जाएँ। नहीं तो और ज्यादा 'मूड ऑफ' होगा।

* मूड ऑफ हो तो उसे सही करने का एक तरीका ध्यान यानी मेडिटेशन और योगा भी है। लेकिन ध्यान और योग के जरिए वे ही लोग अपना मूड सही कर पाते हैं, जो इन विधाओं में पहले से ही सचमुच पारंगत हों।

* और यदि आपको ध्यान में जाना आता है तो आँखें बंद कर कुछ देर के लिए ध्यान लगाने बैठ जाएँ। इससे आपका मूड सही हो जाएगा।

* कहते हैं खुद का खुद से बड़ा न तो कोई मित्र होता है और न ही शत्रु। यदि आपका मूड ऑफ है तो बैठें और आँख मूँदकर खुद से ही बातें करने की कोशिश करें। दिल की आवाज को सुनें। तटस्थ होकर उस तूफान के वेग का अहसास करें, जो आपके अंदर इस समय उठ रहा है। निश्चित ही इससे आपको फायदा होगा।

* याद रखें जिस तरह दिन के साथ रात, प्रकाश के साथ अंधकार और सवाल के साथ जवाब का जोड़ा है, उसी तरह हर नकारात्मकता के साथ सकारात्मकता जुड़ी है। इसीलिए सिर्फ एक ही पहलू से किसी संदर्भ में मत सोचें। अगर किसी परेशानी से घिरे हैं और नकारात्मक ख्याल ही बार-बार आ रहे हैं तो सोचें कि इसका एक सकारात्मक हल भी अवश्य होता है।

उखड़े मूड को ठीक करने के कुछ उपाय ये भी हैं मसलन कोई मनपसंद चीज खाएँ, कोई पसंदीदा काम करें जैसे अपनी हॉबी, दिल को अच्छा लगने वाला गीत-संगीत सुनें। इस सबसे भी उखड़ा मूड ठीक होता है। लेकिन मूड ठीक करने के लिए सिगरेट, शराब, कॉफी या चायका इस्तेमाल कतई न करें। इससे और ज्यादा मूड खराब हो सकता है।

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