प्यार पर भारी, जाति हमारी
निरुपमा की मौत मर्डर थी या सुसाइड यह तो जांच का विषय है, लेकिन इतना तो तय है कि उसकी मौत के पीछे उसका इंटरकास्ट लव अफेयर भी कारण था। हम भले ही खुद को डेवलप्ड और फास्ट ग्रोइंग सोसाइटी का हिस्सा मानते हों, लेकिन एक सच यह भी है कि आज भी लोगों के जेहन से कास्ट फैक्टर मिटा नहीं है। यह जाति फैक्टर उनके प्यार और जीवन पर भारी साबित हो रहा है। यह हम नहीं कह रहे हैं। यह कहना है इंडिया के वुमेन कमीशन के एक ऑल इंडिया सर्वे का। प्यार के पवित्र रिश्ते में कास्ट फैक्टर को टटोलती हमारी एक रिपोर्ट:
प्यार कभी जाति-बिरादरी और रंग-रूप को देखकर नहीं होता। वह कभी भी, किसी से भी हो सकता है। लेकिन जब बात शादी की आती है तो यह कास्ट फैक्टर सबसे भारी फैक्टर के रूप में सामने आ जाता है। इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इंडिया में सिर्फ दस परसेंट ही इंटरकास्ट मैरिज होती हैं। इनमें से 4.97 परसेंट केस में लड़कियां अपने से लोअर कास्ट के लड़के से मैरिज करती हैं, जबकि 4.95 परसेंट केस में लड़का हाइयर कास्ट और लड़की लोअर कास्ट की होती है। आमतौर पर यह माना जाता है कि एजुकेटेड और डेवलप्ड सोसाइटी में कास्ट फैक्टर बहुत मैटर नहीं करता है। ऐसी स्थिति में यहां इंटरकास्ट मैरिज के चांस भी अधिक होते हैं। वैसे साउथ इंडिया सोशियो-इकॉनमिकली काफी डेवलप्ड है, उस हिसाब से यहां इंटरकास्ट मैरिज में प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए। पर जब डेटा पर गौर करें तो हकीकत कुछ और ही सामने आती है। इसके हिसाब से साउथ इंडिया में सिर्फ 9.71 परसेंट केसेज ही इंटरकास्ट मैरिज के आते हैं।
सर्वे में यह बात भी सामने आई है कि सबसे अधिक इंटरकास्ट मैरिज देश के वेस्टर्न रीजन में होती हैं। यहां इंटरकास्ट मैरिज के 17 परसेंट केसेज पाए गए। कुछ स्टेट्स में तो यह डेटा 20 परसेंट से भी अधिक निकला। अब पंजाब को ही देख लीजिए, यहां सबसे अधिक 22.36 परसेंट केस इंटरकास्ट मैरिज के मिले हैं। इसी तरह मेघालय में 25 परसेंट, गोवा में 26.67 परसेंट और केरल में 21 परसेंट से अधिक इंटरकास्ट मैरिजेज होती हैं।
अगर देश में सबसे कम इंटरकास्ट मैरिज कहीं होती है तो वह जम्मू-कश्मीर स्टेट। यहां सिर्फ 1.67 परसेंट मैरिजेज ही इंटरकास्ट होती हैं। इसी तरह राजस्थान में 2.36, छत्तीसगढ़ में 3.38, मध्यप्रदेश में 3.57 और बिहार में 4.60 परसेंट मैरिजेज ही इंटरकास्ट में होती हैं। इसी तरह कुछ ऐसे स्टेट्स भी हैं जहां इंटरकास्ट मैरिज में कुछ कमी आई है। जैसे हरियाणा में 17.16, मणिपुर में 18.33, त्रिपुरा में 17.81, महाराष्ट्र में 17.79 और कर्नाटक में 16. 47 परसेंट मैरिजेज इंटरकास्ट होती हैं।
अभी बढ़ा है चलन
इस सर्वे में एक और बात सामने आई है कि पिछले समय की अपेक्षा अभी हाल के समय में हुई शादियों में इंटरकास्ट केसेज अधिक हैं। कहा जा रहा है कि पिछले कुछ समय से देश में लड़कियों की दशा में सुधार और उन्हें मिली स्वतंत्रता के कारण ही इंटरकास्ट मैरिज का चलन बढ़ा है।
सर्वे में एक और बात सामने आई कि इंटरकास्ट मैरिज के मामले में एजुकेशन बिलकुल भी मैटर नहीं करती। दरअसल यह माना जाता है कि रूरल एरियाज की तुलना में अर्बन एरिया में लोग अधिक एजुकेटेड होते हैं और इस एजुकेशन का इंटरकास्ट के मामले में पॉजिटिव रिस्पांस होता है, लेकिन इस स्टडी के रिजल्ट इस अवधारणा को बिल्कुल गलत साबित करते हैं। इसमें यह बात सामने आई है कि एजुकेटेड लड़किया इंटरकास्ट की अपेक्षा सेम कास्ट में मैरिज करना अधिक पसंद करती हैं। लड़कों के मामले में सेम रिजल्ट रहा। इससे यह कहा जा सकता है कि इंटरकास्ट में मामले में एजुकेशन का कोई खास रोल नहीं है।
इकॉनमिक कंडीशन के बारे में जो तथ्य सामने आए हैं उनसे पता चलता है कि इकॉनमिक कंडीशन से इंटरकास्ट मैरिज अफेक्ट होती है। यानी वेल्थ के इंक्रीज होने के साथ ही इंटरकास्ट मैरिज के चांस भी बढ़ जाते हैं। सर्वे में पाया गया कि गरीब लोगों में इंटरकास्ट मैरिज के 8.61 परसेंट केस सामने आए तो धनी लोगों में 10.52 इंटरकास्ट मैरिज हुई।
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