बड़े धोखे हैं इस राह में
बारहवीं पास करने के बाद संदीप बिहार से पढने दिल्ली आया। बचपन से उसका एक ही ख्वाब था-इंजीनियर बनना। उसने ग्रेटर नोएडा के एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन भी ले लिया। एक वर्ष की पढाई के बाद उसे पता चला कि वह जिस संस्थान में पढ रहा है, वह संबंधित संस्थान से मान्यता प्राप्त नहीं है। अब तक कॉलेज फीस और रहने-खाने पर एक लाख से रुपये से अधिक की रकम खर्च हो चुकी थी। इस तरह न केवल संदीप के करियर के साथ खिलवाड हुआ, बल्कि उसके माता-पिता को भी पैसे का भारी नुकसान उठाना पडा। आज संदीप जैसे हजारों छात्र हैं, जो सुनहरे भविष्य का सपना लेकर अनजाने में किसी फर्जी संस्थान में दाखिला ले लेते हैं और बाद में इसका गलत परिणाम भुगतते हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए हमें शिक्षा संस्थानों के बारे में सही जानकारी होना बहुत जरूरी है।
ये हैं फर्जी संस्थान
ऐसे शिक्षण संस्थान फर्जी हैं, जिन्हें किसी भी सरकारी नियामक संस्थान या प्राधिकरण से मान्यता प्राप्त नहीं है। वे बिना परमिशन के छात्रों को ऐसे कोर्स करा रहे हैं, जिन्हें कराने का अधिकार उनके पास नहीं है। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) हर साल ऐसी यूनिवर्सिटीज, कॉलेज की लिस्ट जारी करती है, जो फर्जी संस्थान के दायरे में आते हैं। यदि हम बात करें प्रोफेशनल कोर्स की, तो देश के विभिन्न हिस्सों में केंद्र व राज्य स्तर पर कई सरकारी संस्थाएं हैं, जो सरकारी और प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को संबंधित कोर्स कराने की इजाजत देती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख हैं-ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन, एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज, फॉर्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया, नर्सिग काउंसिल आदि।
कैसे बचें?
कभी-कभी स्टूडेंट्स शहर या गांव से दूर होने के कारण नजदीक के किसी प्राइवेट संस्थान में दाखिला ले लेते हैं। पूरी कोशिश करें कि आपका दाखिला प्रतिष्ठित सरकारी शिक्षण संस्थान में ही हो। यदि आप किसी कारणवश प्राइवेट संस्थान में एडमिशन लेते हैं, तो आप मैनेजमेंट से संस्थान और कोर्स के मान्यता संबंधी सर्टिफिकेट्स दिखाने को कह सकते हैं। जिस संस्थान में आप एडमिशन लेने जा रहे हैं, वहां पढ रहे या एक्स स्टूडेंट्स से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। मसलन-कैंपस प्लेसमेंट की स्थिति, फीस स्ट्रक्चर, पास आउट बैच की संख्या, संस्थान का इतिहास आदि। संस्थान के इंफ्रास्ट्रक्चर, फैकल्टी मेंबर्स की शैक्षिक योग्यता के बारे में जानकारी जुटाएं। यदि एडमिशन के समय यह जानकारी दी जाए कि संस्थान किसी यूनिवर्सिटी से रिकॉगनाइज्ड है, तो उसके बारे में भी जानकारी जुटाएं। फर्जी संस्थान से बचने का सबसे बढिया और आसान तरीका है इंटरनेट पर यूनिवर्सिटी की जानकारी चेक करना।
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