मोदी ने सुनाई मंदिर आंदोलन की कथा
गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड के सिलसिले में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उत्तर से विशेष जाँच दल (एसआईटी) को ही उलझा कर रख दिया।
मोदी ने हर सवाल का उत्तर काफी विस्तार से दिया। उन्होंने अपने उत्तर के दौरान राम मंदिर आंदोलन और गोधरा में राम भक्तों की हत्या से जुड़े तथ्यों को भी एसआईटी के समक्ष रखा। कारण अहमदाबाद के दंगे गोधरा के बाद हुए। एक प्रकार से मोदी ने इस पूछताछ के दौरान राम मंदिर आंदोलन से लेकर गोधरा कांड की संक्षिप्त 'कथा' सुना डाली।
एसआईटी के लगभग हर सवाल के उत्तर में मोदी ने गुजरात की अस्मिता का भी उल्लेख किया। पूर्व कांग्रेसी सांसद अहसान जाफरी की हत्या से संबंधित एक सवाल के उत्तर में मोदी ने कहा कि उस समय की गुजरात सरकार ने अपनी तरफ से हर व्यक्ति की जान-माल की सुरक्षा करने का पूरा प्रयास किया। बिना यह देखे कि कौन सांसद है और कौन नहीं। एसआईटी के सवालों पर मोदी कभी कुटिल मुस्कान हँसते तो कभी चुप्पी साध लेते।
मोदी से एसआईटी के सवाल तो सीधे थे, मगर मोदी के उत्तर लंबे और घुमावदार। पूरी पूछताछ के दौरान मोदी ने यही दिखाने की कोशिश की कि वे पूरा सहयोग कर रहे हैं। जितना चाहो उतनी देर तक पूछताछ करो।
पहला सवाल : मोदी से एसआईटी का पहला सवाल गोधरा ट्रेन हादसे के बाद गुजरात बंद के आह्वान को लेकर था। एसआईटी मोदी से यह जानना चाहती थी कि क्या इस बंद का आह्वान उन्होंने किया था? इस सवाल के उत्तर में पहले तो मोदी ने अयोध्या आंदोलन और गोधरा में राम भक्तों की हत्या का विस्तारपूर्वक उल्लेख किया।
मोदी ने कहा- मैंने बंद का आह्वान नहीं किया था, लेकिन गोधरा की घटना के बाद तनाव को देखते हुए उनकी सरकार ने सुरक्षा की दृष्टि से लोगों से सद्भाव और शांति बनाए रखने का आह्वान किया था।
दूसरा सवाल : गोधरा कांड के बाद 27 फरवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में क्या हुआ?
मोदी ने कहा- सबका मत था कि गोधरा के दोषियों को तत्काल पकड़ा जाए, ताकि लोग उत्तेजित न हों, साथ ही इस बात का भी प्रयास किया जाए कि साम्प्रदायिक सद्भाव न बिगड़े।
तीसरा सवाल : गुजरात के मंत्री दंगे के दौरान कंट्रोल रूम में बैठे थे, उन्हें किसने वहाँ भेजा था?
मोदी का जवाब था- सरकार के सभी मंत्री स्थिति को नियंत्रण करने में लगे थे। कंट्रोल रूम में उनकी मौजूदगी से संबंधित सवाल इस बात का प्रमाण है। दंगों को रोकने संबंधी सवाल पर मोदी ने कहा कि दंगों के दौरान जिसने हिंसा की, उसे पकड़ा गया। इसमें बहुसंख्यक भी थे और अल्पसंख्यक भी। मेरी जानकारी के अनुसार अल्पसंख्यकों की जानमाल की सुरक्षा के लिए बहुसंख्यक समाज के अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।
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