तेरी आँखों ने चूमा मुझे देर तक
शबनम इंदौरी
कल तेरी आँखों ने चूमा मुझे देर तक
कल मेरी देह में सितार बजे देर तक,
कल तेरी हथेलियों के गुलाब
बालों में महके रात भर
कल मेरी मन-नदी के
भँवर तुझमें पड़े रात भर,
कल तेरी एक बात
चहकती रही साँझ ढले
कल मेरी एक हँसी
महकती रही चाँद तले,
कल तुम फिर ना आए
मैं देखती रही एकटक
कल मेरी चूड़ियाँ
खूब रोई सिर पटक,
कल यादों की गली में
भटकती रही बार-बार
कल तुम मुझे भूल गए
और दिल हुआ तार-तार।
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