गुटबाजी का नतीजा है बिग बी का मसला
अमिताभ बच्चन के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण द्वारा मंच साझा करने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी की वजह से नहीं, बल्कि मुंबई कांग्रेस की गुटबाजी की वजह से बवाल हुआ।
मुंबई और दिल्ली के कुछ कांग्रेसी नेताओं ने इसमें अपनी रोटियाँ सेंकी व अशोक चव्हाण से पुराना हिसाब चुकाया। राहुल गाँधी की सफल मुंबई यात्रा से चव्हाण का ग्राफ पार्टी में जितना अच्छा था, उनके विरोधियों ने बच्चन को मुद्दा बनाकर चव्हाण को कमजोर साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
मुंबई में हुए कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन को एनसीपी नेता और लोक निर्माण मंत्री छगन भुजबल ने सिर्फ इसलिए आमंत्रित किया था कि इससे कार्यक्रम में आकर्षण बढ़ जाएगा। लेकिन कार्यक्रम के लिए अखबारों में छपे विज्ञापन, निमंत्रण पत्र में मुंबई प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कृपाशंकर सिंह और अन्य प्रमुख कांग्रेसियों के नाम नहीं दिए गए और न ही इन्हें बुलाया गया।
इससे इन कांग्रेसी नेताओं ने भी अपना हिसाब चुकता करने की ठान ली और इस मामले को अमिताभ की गुजरात सरकार की तारीफ और ब्रांड एंबेसडर बनने से जोड़ते हुए ऐसा मुद्दा बना दिया कि दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व को भी चव्हाण को नसीहत देना पड़ी।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें