शुक्रवार, 2 अप्रैल 2010

मिर्च-मसाला

राखी-इश्क ने सेंसर के खिलाफ लड़ाई जीती
आखिरकार राखी सावंत और इश्क बैक्टर सेंसर के खिलाफ लड़ाई जीतने में सफल रहे। यह झगड़ा उस समय खत्म हुआ जब सेंसर की रिवाइजिंग कमेटी ने उनके म्यूजिक वीडियो ‘भूत’ में आए ‘कमीने’ शब्द पर से बैन हटा लिया। यह ‘झगड़े’ नामक एलबम का गाना है।
गौरतलब है कि बोर्ड ने ‘कमीने’ शब्द को इस म्यूजिक वीडियो में से हटाने के लिए कहा था और इसके खिलाफ इश्क और राखी ने लड़ाई लड़ी।
बैन हटने के बावजूद इश्क का गुस्सा ठंडा नहीं हुआ। उबलते हुए वे कहते हैं ‘सेंसर बोर्ड में सनकी और पुरानी सोच वाले लोग बैठे हुए हैं। वे ‘कमीने’ नामक पूरी फिल्म पास कर सकते हैं। ऐसे लाखों संवाद पास कर देते हैं जिनमें ‘कमीने’ शब्द आया है, लेकिन मेरे गीत में आए 'कमीने' शब्द पर उन्होंने पाबंदी लगा दी थी।
शाहिद से लंबी सोनम
कई नामों पर विचार करने के बाद पंकज कपूर ने अपनी फिल्म ‘मौसम’ के लिए सोनम कपूर को चुना। वे उनके बेटे शाहिद की हीरोइन बनेंगी। लेकिन पिछले दिनों एक ऐसी बात सामने आई, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था।
‘मौसम’ की यूनिट इस बात पर हैरान रह गई कि सोनम कपूर की ऊँचाई शाहिद कपूर से ज्यादा है। लेकिन इससे फिल्म पर कोई असर नहीं पड़ेगा। शूटिंग इस तरह से की जाएगी कि फिल्म में यह बात दर्शक पकड़ नहीं पाएँगे। लेकिन यूनिट के लोगों को शाहिद को चिढ़ाने का एक कारण मिल गया है।
‘मौसम’ एक रोमांटिक फिल्म है और इसमें सोनम कश्मीरी लड़की का रोल निभाएँगी। इस फिल्म की शूटिंग जल्दी ही आरंभ होने वाली है।

जब चौंक पड़ी नीतू
’अपार्टमेंट’ के एक सीन में नीतू को बेडरुम की लाइट चालू कर चौंकना था। निर्देशक जगमोहन मूँदड़ा ने नीतू को सच में चौंकाने का फैसला किया। नीतू ने स्विच दबाया और सचमुच में चौंक पड़ीं क्योंकि सामने उनकी माँ खड़ी थीं। नीतू की माँ मुंबई में नहीं रहती हैं और उन्हें पता भी नहीं था कि कब वे हाँ आ गईं। यह मूँदड़ा का प्लान था और उन्हें नीतू का स्वाभाविक शॉट मिल गया।
ट्रैफिक सिग्नल, 13 बी और रण जैसी फिल्म कर चुकीं नीतू फिल्म ‘अपार्टमेंट’ को लेकर काफी आशान्वित हैं। इस फिल्म में वे ऐसी लड़की की भूमिका निभा रही हैं जो मानसिक रूप से परेशान है। वह मुंबई जैसे बड़े शहर से तालमेल बैठाने की कोशिश करती है।
नीतू का कहना है कि उन्होंने इस रोल के लिए काफी मेहनत की है और आवश्यक तैयारी कैमरे के सामने आने के पहले की। उन्हें यह कैरेक्टर अपने जैसे लगता है क्योंकि वे भी पटना से मुंबई आईं और इस शहर को उन्होंने नजदीक से जाना।

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