बी पॉजीटिव, वादा टूट भी सकता है
राजू ने नमन से पूछा क्या बात है आज अकेले-अकेले। नीलम कहाँ गई? अरे नाम मत ले यार उसका और आज के बाद भी मत लेना मेरे सामने उसका नाम।
आज नमन और नीलम ने डेट पर जाने का प्लान बनाया था। नमन तो तय जगह पर पहुँच गया लेकिन नीलम नहीं पहुँची 1 घंटा, 2 घंटा वेट करने के बाद भी ना ही कोई कॉल आया और ना ही नीलम आई और नमन जब उसके मोबाइल पर कॉल लगा रहा था तो स्विच बंद आ रहा था।
डेट का मजा तो सारा किरकिरा हुआ ही उसके साथ अब उसे गुस्सा बहुत आ रहा था। स्वाभाविक ही था क्योंकि उसका सारा बना बनाया प्लान सब चौपट हो गया था। वहाँ से उठकर चला आया। पूरा दिन इधर-उधर घूमता रहा लेकिन सीने में आग की लपटें उठ रही थी।
दिमाग में एक ही सवाल आखिर नीलम आई क्यों नहीं। जबकि सुबह ही मैंने उससे बात की थी और उसने आने का वादा किया था। नमन का दोस्त राजू नीलम को भी अच्छी तरह से जानता था और वह समझ गया था कि ऐसी कोई मजबूरी आ गई होगी जिससे वह न आ सकी। लेकिन नमन तो उसकी ऐसी कोई बात सुनने को तैयार ही नहीं था।
अगले दिन सुबह उसके फोन पर नीलम के कई फोन कॉल्स आए लेकिन वह नहीं उठा रहा था। आखिर वह तो प्रतिशोध की ज्वाला में जल रहा था।
राजू ने अन्य दोस्तों की मदद से पता लगवाया कि बीती रात नीलम को जो फीवर था। वह कम ज्यादा होते-होते 102 डिग्री तक पहुँच गया था और उसकी मम्मी ने उसका मोबाइल भी लेकर स्विच ऑफ कर दिया था ताकि कोई उसे डिस्टर्ब न करे। यह सारी बात उसने नमन को बताई। हकीकत पता चलते ही वह बहुत दुखी हुआ और शर्मिंदा भी। फिर उसने कॉल कर नीलम की तबियत के बारे में पूछा। नीलम ने उस दिन की डेट कैंसल होने के लिए सॉरी बोला।
साथ ही बताया कि उस दिन सुबह मुझे हल्का सा बुखार था मैंने उसे लाइटली लिया और सोचा शाम तक ठीक हो जाएगा और हम घूमने जा सकेंगे लेकिन हुआ उल्टा ही।
इसलिए दोस्तों, बगैर वस्तुस्थिति का पता लगाए किसी नतीजे पर पहुँचना गलत है। आज की बिजी लाइफ में किसी भी व्यक्ति के सामने कभी भी कोई सा भी ऐसा काम आ सकता है या हादसा हो सकता है कि वह अपना वादा निभाने में असमर्थ हो और आपको इस बारे में सूचना भी न दे सके।
क्योंकि मोबाइल नेटवर्क फेल होना या मोबाइल रेंज में न होना आदि अनेक परेशानियाँ हैं जो कभी भी आ सकती हैं। और वैसे भी कहते हैं कि जब मुसीबत आती है तो चारों तरफ से आती है। जिस समय आपको अर्जेंट रुपयों की जरूरत हो तो हो सकता है कि आपका एटीएम लिंक फेल बता रहा हो। इसलिए 'एवरी थिंग इज पॉसिबल' ही मानकर चलना चाहिए।
थोड़ा प्यार, थोड़ा काम
दोस्तो, कपल्स का साथ में घूमना-फिरना, रेस्टोरेंट में समय बिताना, लाँग ड्राइव पर जाना तक तो ठीक है। खूब मजे से एंजॉय कर लेते हैं लेकिन जब कंधों पर जरा सी भी जिम्मेदारी आती है तो अधिकतर मामलों में ये ऐसे ढेर हो जाते हैं जैसे बारिश में मिट्टी के पुतले बह जाते हैं।
गार्डन में बैठकर अपने प्यार के लिए जान देना या चाँद-तारे तोड़कर लाने के वादे करना तो बड़ा आसान है पर हकीकत में ये वादे उस वक्त चकनाचूर हो जाते हैं जब भविष्य में आने वाली मुश्किलों से आपका पाला पड़ता है।
तो जनाब अपनी जान को तो सँभालकर रखें अपनी जानेमन के लिए। क्योंकि यदि आपने इन समस्याओं के सामने जरा भी धैर्य खोया या साहस से काम नहीं लिया तो पूरे रोमांस का मजा किरकिरा हो सकता है।
यह बात तो सच है कि प्यार करने वालों का दिल एक-दूसरे का साथ पाने के लिए हमेशा तड़पता रहता है। अक्सर वे जीवन के अहम काम और लक्ष्य भूलकर साथ-साथ समय बिताने को तरजीह देते हैं।
शायद प्यार करने वाले यह बात भूल जाते हैं कि अन्य जिम्मेदारियों को अनदेखा कर केवल साथ समय गुजारने से प्यार बढ़ता नहीं बल्कि घटता है। जीवन में कुछ हासिल करते हुए आगे बढ़ने से प्यार की गाड़ी भी आगे बढ़ती है। अपनी महत्वाकांक्षा तथा लक्ष्य की पूर्ति और गंभीरतापूर्ण कदम उठाना भी जरूरी है जितना कि अपने साथी को पाने की चाहत।
प्यार में सब कुछ भुलाकर केवल एक-दूसरे का साथ पाना कोई समझदारी की बात नहीं है। इसमें कोई शक नहीं कि प्यार करने वाले अपनी सारी खुशी का केंद्र प्रेम की दुनिया में तलाशते हैं पर सफल प्रेम का राज आपकी अन्य गतिविधियों से जुड़ा हुआ है।
एक बात तो तय है कि जब हम अपनी अन्य मंजिल को गंभीरता से लेते हैं तो उस पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं। चाहे परीक्षा में अच्छे अंक लाना हो, प्रतियोगिता में कोई स्थान पाना हो या फिर अपने प्रोफेशन में तरक्की करनी हो, इन सबमें अच्छा मुकाम हासिल करने के लिए हमें जी-जान लगानी होती है।
मजे की बात यह है कि जब आप इस ओर ध्यान लगाते हैं तो आपके साथी को आपका उतना समय नहीं मिल पाता है जितना कि खाली रहते हुए आप उसे देते लेकिन ऐसा करने पर उसे आपसे शिकायत नहीं होती है बल्कि आपके प्रति उसके मन में सम्मान और प्यार बढ़ता है।
यदि आप अपनी मंजिल की ओर बढ़ते हैं तो खुद-ब-खुद आपका आत्मविश्वास बढ़ जाता है। आत्मविश्वास से भरा हुआ व्यक्ति अपने मन को शांत रखता है और ठंडे दिल से फैसला लेता है। जब आपमें यह दम-खम होता है कि आप अपनी मंजिल तक पहुँच सकते हैं तो आप अपने साथी को हौसला व ताकत देते हैं। हम खुद जितने भी मायूस से रहें पर हमें हमेशा अपना साथी ऊर्जा से भरा हुआ ही अच्छा लगता है।
दोनों को ही अपनी-अपनी मंजिलों की ओर बढ़ना चाहिए। दोनों को ही सफलता पाने की कोशिश करनी चाहिए। किसी एक से ही ऊर्जा निचोड़ने से प्यार में मजबूती नहीं मिलती है। दोनों ही पूरी शक्ति से अपना काम करते हैं और फिर समय निकालकर प्यार भी करते हैं तो प्यार का मजा दोगुना हो जाता है।
बहुत से प्रेम करने वालों का यही रोना होता है कि उनका किसी और कार्य में मन ही नहीं लगता है। पर यकीन मानिए यदि उन्हें सब कुछ छोड़कर केवल साथ रहने को कह दिया जाए तो वह बहुत जल्दी ऊब जाएँगे। किसी भी व्यक्ति की और क्या शख्सियत है, इस बात का असर भी तो हमारे प्यार पर पड़ता है।
जो व्यक्ति अपने करियर को संजीदा ढंग से लेता है, वह अपने प्यार को भी गंभीरता से लेता है। करियर में आगे बढ़ते हुए यदि प्रेम का रिश्ता बढ़ता जाता है तो इसका मतलब है वह अपने रिश्ते को लेकर भी गंभीर है। केवल खाली समय काटने का बहाना नहीं है।
आजकल देखने में आता है कि दोनों की शादी में संबंध कहीं न कहीं से आड़े आ जाते हैं। इंटरकास्ट मैरिज हो या दोनों परिवारों का स्टेंडर्ड एक-सा ना हो तो अपना जीवनसाथी बनाने में काफी दिक्कतें आती हैं। ऐसी स्थिति में भी हर तरह से दोनों को ही अपने प्रयास से परिजनों को तैयार करना होता है। उन्हें यकीन दिलाने से लेकर शादी के बाद तक उन्हें इस ढंग से जीवन गुजारने के लिए तैयार होना होता है जिससे कहीं इन दोनों को नीचा न देखना पड़े।
दोनों को ही कुछ सार्थक करते हुए प्यार में साथ-साथ चलने की गुंजाइश निकालना बहुत ही प्यारा-सा लव मंत्र है। तो साथियों, खूब दिल लगाकर अपना काम कीजिए और अपने साथी के दिल पर राज कीजिए।
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