अक्षर में करियर
रमेश कुमार ने करीब बीस साल पहले बुक पब्लिशिंग का काम शुरू किया। वक्त के साथ उनका कारोबार बढता गया। रमेश की ख्वाहिश है कि उनका काम देश के हर कोने में फैले, इसीलिए उन्होंने ग्रेजुएशन कर चुके बेटे रवि को कारोबार की बारीकियां सिखाईं। रमेश अच्छी तरह जानते हैं कि इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के इस युग में सिर्फ कारोबार की बारीकियां समझना जरूरी नहीं, वक्त के साथ तकनीक के बदलाव को जानना भी आवश्यक है, जिससे प्रतिस्पर्धा के दौर में ग्राहकों की डिमांड को समझते हुए बेहतर काम किया जा सके। इसीलिए रवि ने पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन प्रिंटिंग ऐंड मैनेजमेंट का कोर्स कर लिया। अनुभव के साथ आधुनिक शिक्षा का जोड होने से रमेश का कारोबार तेजी से फैल रहा है। नि:संदेह, आज के युग को इन्फॉर्मेशन और नॉलेज के तौर पर जाना जाता है। इसमें कोई दोराय नहीं कि नॉलेज या ज्ञान हासिल करने के लिए किताबों से बेहतरीन विकल्प दूसरा नहीं। ऐसे में अगर आपको भी लिखने-पढने का शौक है, भाषा पर अच्छी पकड के साथ क्रिएटिव सोच रखते हैं, तो पब्लिशिंग हाउस के अलावा बतौर बुक पब्लिशर अपना करियर संवार सकते हैं। देश की विभिन्न यूनिवर्सिटीज के अलावा तमाम संस्थान बुक पब्लिशिंग से संबंधित कोर्सेज करा रहे हैं।
कोर्स
बुक पब्लिशिंग से संबंधित कोर्सेज शॉर्ट टर्म और लांग टर्म दोनों तरह की अवधि में उपलब्ध हैं। विभिन्न संस्थानों से सर्टिफिकेट कोर्स से लेकर डिप्लोमा और डिग्री कोर्सेज किए जा सकते हैं। अन्नामलाई यूनिवर्सिटी जहां बाइंडिंग और फिनिशिंग में एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स ऑफर करती है, वहीं नेशनल बुक ट्रस्ट, बुक पब्लिशिंग में चार सप्ताह का ट्रेनिंग कोर्स कराती है। इग्नू से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बुक पब्लिशिंग कोर्स किया जा सकता है, जिसकी अवधि एक वर्ष है। इसके अलावा इंस्टीट्यूट ऑफ बुक पब्लिशिंग से ई पब्लिशिंग का शॉर्ट टर्म कोर्स भी किया जा सकता है।
योग्यता
बुक पब्लिशिंग कोर्स के लिए विभिन्न संस्थानों ने न्यूनतम योग्यता किसी भी विषय से ग्रेजुएशन निर्धारित की है। फिर भी इस क्षेत्र में अच्छा करियर बनाने के लिए कुछ अतिरिक्तक्षेत्रों का ज्ञान कैंडिडेट्स के लिए सहायक रहता है। जैसे एडिटोरियल डिपार्टमेंट को ही लें तो बुक पब्लिशिंग के साथ जर्नलिज्म का कोर्स करने वाले कैंडिडेट्स के लिए फायदेमंद रहता है। इसी तरह डिजाइनिंग का काम करने वालों के लिए डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर्स की बारीक जानकारी सहायक रहती है।
संभावनाएं
यह कोर्स करने वाले प्रोफेशनल्स के लिए निजी और सार्वजनिक, दोनों क्षेत्रों के दरवाजे खुलते हैं। जैसे, डिस्टेंस लर्निग की तमाम यूनिवर्सिटीज अपना कोर्स मटीरियल तैयार कराती हैं, जिनकी एडिटिंग से लेकर डिजाइनिंग और बाइंडिंग के लिए प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है, जहां जॉब तलाशी जा सकती हैं। जहां तक निजी क्षेत्र की बात है, तो तमाम बुकशॉप्स ऐसी हैं, जिन्होंने ई-पेपर और ई-बुक पर काम करना शुरू किया है। नॉन टेक्निकल संभावनाओं की फेहरिस्त में बुक पब्लिशिंग कोर्स करने वाले प्रोफेशनल्स प्रूफ रीडर व एडिटर के तौर पर संभावनाएं तलाश सकता है। साथ ही सेल्स और मार्केटिंग में करियर बनाया जा सकता है। टेक्निकल पार्ट में भी संभावनाओं का दायरा आज काफी बढा है। किस किताब की बाइंडिंग स्पाइरल, स्पाइको, हार्ड बाउंड या फि र लैदर बाइंडिंग हो साथ ही उसका का जैकेट, यह सब कुछ टेक्निकल पार्ट में आता है। बुक पब्लिशिंग के साथ कॉपीराइट के क्षेत्र में भी करियर की संभावनाएं तलाशी जा सकती हैं। इस क्षेत्र में काम करने के लिए एलएलबी की डिग्री जरूरी नहीं है। इस बारे में सुंदर खत्री का कहना है कि कॉपीराइट के काम के लिए तमाम लॉ फर्म्स, रजिस्टर्ड एजेंट्स रखने लगी हैं। दिल्ली के अलावा बिजनेस के लिहाज से महत्वपूर्ण कहे जाने वाले शहरों जैसे मुम्बई और बेंगलुरु में ऐसे प्रोफेशनल्स की डिमांड तेजी से बढ रही है।
आय
इस क्षेत्र के जानकारों के मुताबिक, बुक पब्लिशिंग का कोर्स करने वाले प्रोफेशनल्स को दस हजार रुपये तक की शुरुआती सैलरी ऑफर की जाती है। अनुभव के साथ सैलरी में इजाफा होता जाता है। इग्नू की प्रोफेसर डॉक्टर सुनयना कुमार के मुताबिक, कई पब्लिशिंग हाउस ऐसे भी हैं, जो अपने एडिटर्स को प्रति पन्ने के अनुसार 50 से 100 रुपये की पेमेंट करते हैं। जहां तक अधिकतम सैलरी का सवाल है, तो ऑक्सफोर्ड और पेंग्विन जैसे पब्लिकेशन हाउसेज में ढाई से तीन लाख रुपये की मासिक सैलरी भी मिल सकती है।
प्रमुख संस्थान
यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली, माल रोड, नई दिल्ली
कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, शेख सराय, फेस-2, नई दिल्ली
इंस्टीट्यूट ऑफ बुक पब्लिशिंग, एल-10, ग्रीन पार्क एक्सटेंशन, नई दिल्ली- 110016
शंकर्स एकेडमी ऑफ आर्ट ऐंड बुक पब्लिशिंग, 4 बहादुर शाह जफर मार्ग, नई दिल्ली
नेशनल बुक ट्रस्ट, ए-5 ग्रीन पार्क, नई दिल्ली
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलकाता, 871, कॉलेज स्ट्रीट, कोलकाता, पश्चिम बंगाल
महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी, प्रियदर्शिनी हिल्स पीओ, कोट्टयम, तमिलनाडु
अन्नामलाई यूनिवर्सिटी अन्नामलाई नगर, तमिलनाडु।
इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, मैदान गढी, नई दिल्ली।
शिवाकान्त पाण्डेय
क्या है कॉपीराइट?
बुक पब्लिशिंग क्षेत्र के साथ कई तरह के लीगल आस्पेक्ट्स भी जुडे हैं, इन्हीं में से एक कॉपीराइट या इन्टेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट भी है। इसे इस तरह भी समझा जा सकता है कि किसी लेखक की किताब का कोई भी अंश उसके या फिर किताब के पब्लिशर की अनुमति के बिना न तो प्रकाशित किया जा सकता है और न ही उसकी नकल की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट के वकील सुंदर खत्री के अनुसार, कॉपीराइट के नियमों का उल्लंघन करने वाले पर लेखक या पब्लिशर कॉपीराइट एक्ट के तहत डैमेजेज क्लेम कर सकते हैं। सिंह ऐंड सिंह लॉ फर्म की वकील और कॉपीराइट मामलों की जानकार प्रतिभा एम सिंह के मुताबिक, कॉपीराइट या इन्टेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट बुक पब्लिशर या फिर उसके लेखक के पास हो सकता है, इस संबंध में दोनों के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट बनाया जाता है, जिसमें स्पष्ट लिखा जाता है कि उस किताब का कॉपीराइट किसके पास रहेगा।
तकनीक ने बढाई संभावनाएं
बुक पब्लिशिंग के क्षेत्र में किस तरह करियर बनाया जा सकता है, इस संबंध में इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी की हेड ऑफ द डिपार्टमेंट (बुक पब्लिशिंग) सुनयना कुमार से बातचीत हुई, प्रस्तुत हैं मुख्य अंश :
पब्लिशिंग का दायरा बढने और नई तकनीक आने से इस सेक्टर में रोजगार की संभावनाएं किस तरह बढी हैं?
देखिए, आज का युग ग्लोबलाइजेशन का युग है। यही वजह है कि ऑनलाइन एडिटिंग का काम तेजी से बढा है। भारत में बैठकर विदेश में छपने वाली किताबों की एडिटिंग होने लगी है। इसके अलावा पेज ले-आउट और डिजाइनिंग का काम भी आउटसोर्सिंग के जरिये कराया जाने लगाया है। यही वजह है कि इस क्षेत्र से जुडने वाले लोग घर बैठे भी काम कर सकते हैं। एक अहम बात यह भी है कि आज के दौर में ई-बुक्स का चलन तेजी से फैल रहा है। एमाजोन, गूगल, किंडल जैसी तमाम संस्थाएं इस दिशा में तेजी से बढ रही हैं। इस सबको देखते हुए आज बुक पब्लिशिंग अपार संभावनाओं का क्षेत्र बनता दिख रहा है।
इस क्षेत्र में कितने तरह के करियर विकल्प हैं?
नॉन टेक्निकल में एडिटिंग, प्रूफ रीडिंग आदि को शामिल कर सकते हैं, जबकि टेक्निकल में डिजाइनिंग, ले-आउट, ब्रोशर, बाइंडिंग, सेल्स, मार्केटिंग, डिस्प्ले आदि चीजें आती हैं। बुक पब्लिशिंग कोर्स में इन सबकी जानकारी तो दी जाती है, लेकिन कोर्स करने वाले को अलग से नॉन टेक्निकल की बारीकियां सीखनी होती हैं।
पब्लिशिंग सेक्टर में एंट्री पाने के लिए किस तरह की योग्यता जरूरी है?
इसके लिए कम से कम ग्रेजुएट होना आवश्यक है। इग्नू ने फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स के साथ टाई-अप किया है। इस संस्था का कहना है कि पब्लिशर्स ऐसे कैंडीडेट्स को ही अपने साथ जोडना चाहते है, जिनके पास कम से कम गे्रजुएशन की डिग्री हो।
निजी सेक्टर में किस तरह के अवसर हैं?
ज्यादातर निजी कंपनियां अब पब्लिक रिलेशन विभाग बनाने लगी हैं। इन कंपनियों में निकलने वाले इन हाउस न्यूज लैटर या फिर ब्रॉशर डिजाइनर, बुक सेल्स और उनकी मार्केटिंग के अलावा राज्यसभा और लोकसभा में सेशन के वक्त नोटिंग लेने वाले एग्जीक्यूटिव्स की जरूरत होती है।
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